महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं और एक ड्राइवर की पीट-पीट कर हत्या के मामले में 110 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है. महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी है. इसमें कहा गया है कि इन सभी को घटना वाले दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था. उधर, पुलिस का कहना है कि इन 110 आरोपितों में से नौ नाबालिग हैं.
खबरों के मुताबिक पालघर के कासा पुलिस थाना क्षेत्र में कुछ दिनों से चोरों के घूमने की अफवाह फैली हुई थी. इसी दौरान गुरुवार को दोनों साधु एक गाड़ी से मुंबई के कांदिवली से सूरत अपने एक मित्र के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने जा रहे थे. रात करीब दस बजे जब वे कासा से निकल रहे थे तो गांव वालों ने इन्हें रोका और फिर चोर होने के शक में इन पर पत्थरों और लाठी-डंडों से हमला कर दिया. ड्राइवर और दोनों साधुओं की मौके पर ही मौत हो गई. मौके पर पहुंची पुलिस को भी गांव वालों ने निशाना बनाया. हमले में पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.
इस घटना को लेकर विपक्ष ने उद्धव ठाकरे सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग की है. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘पालघर में जिस क्रूरता के साथ मॉब लिंचिंग हुई, वह मानवता को शर्मसार करने वाली है. मैं एक उच्च स्तरीय जांच की मांग करता हूं. जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई की जाए.’