राजस्थान के सियासी घमासान पर भाजपा लगातार हमलावर है। गुरुवार को सतीश पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री को लिखा पत्र देखकर मुझे लगा की सीएम ने नैतिक मूल्यों पर हार स्वीकार कर ली है। इस तरह का पत्र कोई लिखता नहीं है। जब देश में पहली कम्युनिस्ट की सरकार बनी। उसे बर्खास्त किया गया। 57 से 90 तक के दशक में कई बार सरकारों को गिराया गया। ये कांग्रेस पार्टी की पुरानी परंपरा रही है। जब अपनी पार्टी की बात आई तो नैतिकता की दुहाई दी जा रही है। जिस पार्टी के नेता या तो जेल में या बेल पर हैं, वे किस नैतिकता की बात करेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से सरकार बाड़े में बंद है। कोरोना, टिड्डी का हमला, अपराध बेलगाम ये सारी समस्या कोई सरकार अनदेखा कर सकती है। भाजपा इनके लिए एक ऐसी एजेंसी हो गई है जिस पर तोहमत लगाओ।
गौरतलब है कि गुरुवार सुबह राजस्थान सरकार में खेल मंत्री अशोक चांदना और विधायक प्रशांत बैरवा एक साथ फेयरमोंट होटल से बाहर निकले। इस दौरान दोनों की कार के साथ पुलिस की गाड़ी भी रवाना हुई। दोनों कहां गए हैं इस बारे मे जानकारी नहीं दी गई है।
सतीश पूनिया ने जनता के नाम पत्र लिख कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा
इससे पहले सतीश पूनिया ने राजस्थान की जनता के नाम पत्र लिखा। उसमें उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस समय अराजकता और अस्थिरता की दोषी कांग्रेस पार्टी खुद ही है। लेकिन इसके आरोप भाजपा पर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इनकी स्वयं की लड़ाई में सत्ता खोने के डर ने सीएम को विचलित कर दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र की भाषा से स्पष्ट हो गया है कि मुख्यमंत्री ने अपने विधायकों का विश्वास खो दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने भाजपा और पार्टी के नेताओं को बदनाम करने के लिए षड्यंत्रपूर्ण आरोप लगा रहे हैं। पूनियां ने कहा कि पूरा देश जानता है कि किस तरह देश के विभिन्न राजभवनों को कांग्रेस कार्यालय में परिवर्तित किया गया। सरकार और मंत्री बंधक बने हुए हैं, मुख्यमंत्री इस बात का जवाब नहीं दे पा रहे कि सरकार अभी और कितने दिन बाड़े में बंद रहेगी।